- कहो तो कह दूः
- चम्बल के साथ खिलवाड़!
चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में नगर विकास न्यास ने शवों की राख को डालने के लिए नगर विकास न्यास ने कथित श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्टील का प्लेटफार्म बना दिया जिसे कैटीलीवर हूपर कहा गया है। मेरा मानना है कि न्यास ने इस पर न्यास ने बेमतलब का 15 लाख रूपए खर्च किए बताए गए है। यहां सवाल उठ रहा है कि क्या चम्बल नदी का गंदा करने के लिए य िसुविधा दी गई। जबकि न्यास खुद चम्बल शुद्धिकरण की येाजना पर काम कर रहा है। राज्य सरकार रिवर फं्रट बना रही है कोटा शहर में। सरकार ने कहा है कि चम्बल में गिरने वाले गंदे नाले रोके जाऐगे। शुद्धिकरण की मूल भावना के खिलाफ जा कर न्यास प्रशासन क्या दर्शाना चाहता है। चम्बल शुद्धिकारण के लिए जन संगठन जल बिरादरी, हम लोग के अलावा दैनिक भास्कर आदि अभियान चला रहे है। जनता की आवाज बुलंद कर रहे है। दूसरी और उक्त कार्य समझ से परे है। न्यास का यह प्रयास होना चाहिए कि लोग चम्बल में गंदगी न डाले इसके लिय समझाईश करने के बजाए सुविधा देना अनुचित व अनावश्यक है। सबसे ज्यादा तो मुख्य वन संरक्षक का कार्यलय भी इसके निकट है , वन विभाग ने भी इसकी अनदेखी की। अभ्यारण्य के नियमों का भी उल्लंधन हुआ है।
- बृजेश विजयवर्गीय, स्वतंत्र पत्रकार एवं संबद्ध जल बिरादरी
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