- दुबे और अग्रवाल ने संसद सत्र बुलाकर किसान विरोधी बिल वापस लेने की करी मांग
आवाज टुडे न्यूज़ अजमेर/कोटा।
अखिल भारतीय बेरोजगार मजदूर किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज दुबे तथा राष्ट्रीय महासचिव व अजमेर सम्भाग के प्रभारी निवर्तमान पार्षद शैलेन्द्र अग्रवाल ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए किसान विरोधी बिलों के विरोध में किसानों के आंदोलन को जायज बताते हुए किसान विरोधी तीनों बिलों को वापस लेने की मांग की है। दुबे व अग्रवाल ने संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों काले कानून वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य छीनने वाले 3 किसान विरोधी कानूनों के विरोध में किसान की आवाज सुनने की बजाय भाजपा सरकार किसानों पर दमन चक्र अपना कर किसानों पर जोर आजमाइश कर रही है जो घोर निंदनीय है। दुबे व अग्रवाल ने कहा कि भाजपा को कुम्भकर्णी नींद से जगाने के लिए हजारों किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं जिन्हें बलपूर्वक रोकने के लिए मोदी सरकार सारे हथकंडे अपना रही है।
दुबे व अग्रवाल ने कहा कि आंदोलनकारी किसानों को भाजपा नेताओं द्वारा आतंकवादी कह कर अपमानित किया जा रहा है जो घोर निंदनीय है। दुबे व अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्री व कृषि मंत्री किसानों से वार्ता का स्वांग कर रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री मन कि बात कार्यक्रम में तीनों किसान विरोधी काले कानूनों को सही ठहराते हैं, जब देश के मुखिया ही इन तीनों काले कानूनों के पक्ष में आ खड़े होंगे तो बातचीत किससे और कैसे होगी और उस बातचीत का फायदा क्या होगा?
दुबे व अग्रवाल ने कहा कि किसानों की पीठ में छुरा घोपने का काम केन्द्र की मोदी सरकार ने किया है किसानों को अपना अनाज समर्थन मूल्य से आधे मूल्य पर मजबूरी में बेचना पड़ रहा है जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है। दुबे व अग्रवाल ने कहा कि 2 माह से लाखों किसान पंजाब, हरियाणा सहित पूरे देश में किसान विरोधी बिलों के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं पर केन्द्र की भाजपा सरकार हठधर्मिता कर किसान विरोधी बिलों को किसानों के भारी विरोध के बाद भी वापस लेने को तैयार नही है। आखिर क्यों पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने व किसानों को बर्बाद करने वाले किसान विरोधी बिलों को केन्द्र सरकार वापस ले।
दुबे व अग्रवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों को बंधुआ मजदूर बनाने पर आमादा है। मोदी सरकार किसानों पर लाठी, गोली व घोर अत्याचार कर किसानों की आवाज को दबाना चाहती है जो घोर निंदनीय व दुर्भाग्यपूर्ण है किसानों से उनका सबकुछ छीना जा रहा है व पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जिसे किसी भी स्थिति में बर्दास्त नही किया जाएगा।
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