पश्चिम मध्य रेलवे कोटा मंडल स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (रेलवे वर्कशॉप) प्रशासन के मनमाने व द्वेषतापूर्ण रवैये के शिकार आम कर्मचारी तो होते ही आए हैं,परंतु अब अधिकारीगण भी इसकी चपेट में आ गए हैं। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। एक पीडित अधिकारी ने तो बकायदा पत्र लिखकर रोष प्रकट करते हुए वर्तमान नीति के तहत जारी आदेश में संशोधन की मांग की है।
एल विलगिरी एस.एस.ई/ विद्युत इंजीनियर कारखाना ने मुख्य कारखाना प्रबंधक को कारखाना कोटा के विद्युत विभाग के पर्यवेक्षकों का कार्य विभाजन के विषय में पत्र प्रेषित कर कहा कि प्रशासन के पत्र स.ई/एल/ कारखाना/कोटा/839 दिनांक 26 मार्च 2021 के तहत उप मुख्य यांत्रिक इंजीनियर माल डिब्बा मरम्मत कारखाना कोटा द्वारा जारी किए गए आदेशों में क्रम एक एवं पांच के पर्यवेक्षकों के कार्य विभाजन में प्रार्थी की वरीयता का अनदेखा किया गया है।
मुख्य कारखाना प्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक कोटा द्वारा मान्यता प्राप्त संगठनों की सहमति से जारी नीति के विरुद्ध आदेश जारी किए गए है। कारखाना की नीति के अनुसार किसी भी डिपो में वरिष्ठतम सुपरवाइजर ओवर इंचार्ज कार्य करता है एवं वरिष्ठ मंडल विद्युत इंजीनियर कारखाना कोटा के आदेश पर रामकिशोर जाजरा का चार्ज लिया था,जो कारखाना विद्युत के इंचार्ज थे। इस मनमाने व नियम विरुद्ध जारी आदेश से आक्रोशित एस.एस.ई एलविल गिरी ने प्रेषित पत्र में कहा कि उपरोक्त जारी आदेश कर्मचारी की छवि को धूमिल करता है। वर्तमान में चल रही नीति के तहत अपने आदेश संशोधित कर जारी करने का आग्रह किया है। महिलाओं को भी परेशान क्या जा रहा है तथा अश्लील शब्दों का प्रयोग जम कर क्या जाता है ऐसा ही लिपिकों वर्ग के साथ भी पूरी तरह बदतमीजी की जाती है, कर्मचारी देशहत में है इस कारण कई कर्मचारियों मौत हो चुकी है।
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