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रेलवे वर्कशॉप में उपस्थिति में बायोमेट्रिक प्रणाली का किया पुरजोर विरोध

- आई प्रणाली से ही पारदर्शिता से उपस्थिति संभव
आवाज टुडे न्यूज़ कोटा।
भारत सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा नोबेल कोरोनावायरस कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपाय बायोमेट्रिक उपस्थिति पुनः शुरू करने के संबंध में जारी आदेशों का पश्चिम मध्य रेलवे कोटा मंडल स्थित माल डिब्बा मरम्मत कारखाना के कर्मचारियों ने पुरजोर विरोध किया है।

   कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए उपस्थिति हेतू बायोमेट्रिक व्यवस्था को पूर्व में 23 जून 2021 तक लागू करने के आदेश जारी किए गए थे, उसके पश्चात अब 14 जून 2021 को नए आदेश जारी किए गए हैं। आदेशों की पालना में पूर्व में भी भेदभाव बरता गया था।फिर से नए आदेश जारी किए गए हैं तो आदेश की पालना समान रूप से किया जाना नितांत आवश्यक है।यह आदेश केवल अधिकारी एवं लिपिक वर्ग के लिए ही जारी किए गए हैं, कर्मचारियों पर लागू किया जाना उचित नहीं है क्योंकि कर्मचारियों को समूह के रूप में कार्य स्थल पर एक साथ आना जाना पड़ता है, वे फिर से कोरोना बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
     विश्वनिय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि कोटा कारखाने में बायो मेट्रिक पंच प्रणाली को पुनः आरंभ किया जा रहा है और यह कार्य पूर्व में रियल आईटी नामक कंपनी को दिया गया था, जिसके प्रोपराइटर विकास और अमन थे, आईटी कंपनी ने निर्धारित मापदंडों को दरकिनार करते हुए कार्य किया,जिसका खामियाजा अधिकारियों और कर्मचारियों को भुगतना पड़ा कंपनी के गलत कार्यो के साक्षय (दस्तावेज)कुछ कर्मचारियों के पास मौजूद बताये जा रहे है। जानकार सूत्रों के मुताबिक यह बायोमेट्रिक उपस्थिति का कार्य पुणे पूर्व में कार्यरत कंपनी को ही दिया जा रहा है,इससे यह प्रमाणित होता है  कि कंपनी के द्वारा कर्मचारियों से पैसे लेकर मैनुअल किये जाते थे,जिसके सभी दस्तावेज आपके कर्यालय में मौजूद है। संभवत इस प्रणाली की जगह आई प्रणाली लागू की जाये,अन्यथा पुरानी प्रणाली पुनः व्यवस्था किए जाने से पूर्व की भांति अनैतिक और गलत कार्य होंगे।

   ऑल इंडिया एससी/ एसटी रेल्वे एंप्लाइज एसोसिएशन कारखाना अध्यक्ष मोहन सिंह ने हाल ही में लागू की जा रही व्यवस्था का पुरजोर विरोध किया है और चेतावनी दी है कि प्रशासन को अगर वाकई ईमानदारी से कार्य करना है तो बायोमेट्रिक व्यवस्था की जगह आई प्रणाली लागू की जाए जिससे पारदर्शिता से कर्मचारी व अधिकारियों की उपस्थिति दर्ज हो सकेगी।

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