- नाग नागिन मंदिर में हुआ पौष बड़ा महोत्सव का आयोजन
- महिलाओं ने भजन कीर्तन से की भगवान की आराधना
चंबल नगर कोटा के मन्दिरों, विभिन्न समाजों और संगठनों में इन दिनों पौष बड़ा महोत्सव की धूम मची है। इसी कड़ी में बुधवार को कोटडी नहर के पास स्थित नाग नागिन मंदिर में पौष बड़ा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लेकर भजन कीर्तन के माध्यम से भगवान की आराधना की और भगवान के भोग लगाकर सभी को पौष बड़ा का प्रसाद वितरण किया। इस दौरान मंदिर में भगवान भोलेनाथ के साथ ही शिव परिवार का मनमोहक श्रृंगार किया गया।
नाग नागिन मंदिर में पौष बड़ा महोत्सव को लेकर महिलाओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। महिलाओं ने मंदिर परिसर में भजन कीर्तन कर भगवान भोलेनाथ की आराधना की। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं ने नृत्य कर भगवान की आराधना की। पौष बड़ा महोत्सव के लिए भगवान भोलेनाथ और शिव परिवार का मनमोहक श्रृंगार किया गया। भगवान के सजीले रूप में सभी का मन मोह लिया।
नाग नागिन मंदिर के पुजारी पंडित मुकुट शर्मा ने बताया कि हिंदू पंचांग के अनुसार भारतीय महीनों के नाम नक्षत्रों पर आधारित हैं। जिस मास की पूर्णिमा को चंद्रमा जिस नक्षत्र में रहता है, उस महीने का नाम उसी नक्षत्र के आधार पर रखा गया है । पौष मास की पूर्णिमा को चंद्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है, इसलिये इस महीने को पौष के नाम से जाना जाता है । सनातन संवत के अनुसार पौष दसवां महीना है। पौष महीने के दौरान सूर्य की उपासना का भी बड़ा महत्व है। उन्होंने बताया कि पौष मास में भगवान सूर्य की पूजा करने का विधान कहा जाता है कि पौष महीने में भगवान भास्कर ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपकर सर्दी से राहत देते हैं। यही कारण है कि पौष महीने का भग नामक सूर्य साक्षात परब्रह्म का ही स्वरूप माना गया है। शास्त्रों में ऐश्वर्य, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य को ही भग कहा गया है। इस महीने के दौरान सूर्य धनु संक्रांति में रहता है। इसलिए इस मास को धनुर्मास भी कहते हैं।
महिलाओं के भजन कीर्तन के बाद भगवान भोलेनाथ के पौष बड़े का भोग लगाया गया और महाआरती के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया।
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