- राजस्थान गो सेवा समिति शाखा कोटा के पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
राज्य सरकार की ओर से चारागाह भूमि पर बसी घनी आबादी भूमि के नियमितीकरण कर लोगों को पट्टे देने का राजस्थान गो सेवा समिति शाखा कोटा ने विरोध किया है। इसी को लेकर समिति के पदाधिकारियों ने बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा। जिसमें समिति पदाधिकारियों ने गोचर भूमि पर अतिक्रमियों को पट्टे जारी नहीं करने की मांग की है।
समिति के जिला अध्यक्ष जितेंद्र गोयल ने मुख्यमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में लिखा है कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक 15 दिसंबर 2021 को हुई। जिसमें चारागाह भूमि पर बसी आबादी भूमि के नियमितीकरण करने का प्रावधान किया गया है। इस निर्णय का प्रदेश के सभी को गौशालाओ और गौ भक्तों ने विरोध किया है। ज्ञापन में लिखा है कि पूर्व में राजा महाराजाओं ने गोवंश के लिए चारागाह भूमि छोड़ी थी लेकिन सरकार ने पूर्व में भी इस भूमि को उद्योगों, राजकीय भवनों और आबादी के लिए उपयोग किया है। ऐसे में अब कुछ ही चारागाह भूमि बची है। अब सरकार इस भूमि का उपयोग भी करना चाहती है जो पूर्णतया कानून के विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार अतिक्रमण को पट्टे दे रही है। ऐसे में अतिक्रमण के हौसले बुलंद है और चारागाह भूमि पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। ज्ञापन में समिति की मांग है कि सरकार अतिक्रमण को गोचर भूमि के पट्टे नहीं दे। ज्ञापन देने के दौरान अध्यक्ष जितेंद्र गोयल के साथ ही प्रवक्ता रवि अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
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