- राजस्थान रोडवेज का हाल बेहाल
- परिचालक वर्ग की लंबित पदोन्नति का मामला
आवाज़ टुडे न्यूज़।
राजस्थान रोडवेज की रीढ़ कहा जाने वाला परिचालक वर्ग समय पर पदोन्नति नहीं होने से अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है। एक और परिचालक वर्ग को तमाम कठिनाइयों के बीच काम करना पड़ रहा है, वही दूसरी ओर उनको समय पर पदोन्नति का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में परिचालक वर्ग खासे मायूस हो चुके हैं। परिचालकों की माने तो राजस्थान रोडवेज में परिचालकों के साथ जबरदस्त खिलवाड़ किया जा रहा है लेकिन उनकी पीड़ा कोई नहीं सुन रहा है। ऐसे में अब परिचालक वर्ग को सारी उम्मीद रोडवेज के नए अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक से है की वे उनकी पीड़ा को समझ कर समय पर पदोन्नति देने के लिए पुख्ता कदम उठाएंगे।
रोडवेज के परिचालक वर्ग की माने तो मुख्यालय में विराजमान चाणक्य धूर्त चाटु् स्वार्थी भृष्टतंत्र भृष्टाचार के सलाहकार सरताज अजीज चापलूस जयचंदौ की फौज हाल ही में आये नथमल डिडेल प्रंबध निदेशक एवं आनंद कुमार अध्यक्ष को गुमराह करने के लिए कला हर संभव खेलकर रही है जबकि रोडवेज में परिचालक वर्ग ही कमाऊंपूत है। परिचालक वर्ग के अनुसार सच्चाई बताना अति आवश्यक है। जितना परिचालक पुराना होगा। उतना ही फायदेमंद होगा। पदौन्निति हो जायेगीं। बहुत नुकसान से तात्पर्य आगारों में वर्तमान में 21/8/1991- से कोई भी केडर का हो।मुख्य प्रंबधक व्यवस्था के नाम पर मुख्य प्रंबधक दे रखा है। जिसका सीधा मतलब (खाऊँ और खिलाऊं है!) इसलिये परिचालक वर्ग की पदौन्निति समय पर नहीं करना।
आदेश संख्या 418/दिनांक 29/7/2019 को पत्रक वितरक/परिचालकों की पदौन्नति सहायक यातायात निरीक्षकों के पद पर संख्या सूची ( 45) है। जिसमें (26) सेवा निवृत्त हो चुके है और(19) जो भी लम्बे समय के लिए नहीं है कोई के 4/8/10/12महीने के लगभग है। यह परिचालक वर्ग के साथ खिलवाड़ पहली बार नहीं हुआ है। लम्बे समय से होता आ रहा है। परिचालक वर्गों ने बताया कि मजेदार बात तो यह है कि जो परिचालक से सहायक संभाग प्रंबधक तक पहुंचे हैं न तो वरिष्ठ है और नहीं पात्रता रखते हैं कैसे पहुंचे तो मुख्यालय में बैठे भृष्टौ की फौज तुरंत मामले को पटाक्षेप करते हुए जवाब देंगें (नियम-कानून के तहत) जयचंद,भृष्ट यह बताये परिचालक कि बेमशुकिल तो सेवानिवृत्त तक पहुंच पाता है, जो खुशनसीब होगा अन्यथा कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाता रहेगा। अधिकांश परिचालक तो 18/27वर्ष चयनित वेतनमान का लाभ नहीं ले पाते हैं। ऐसे हालातों में भृष्ट जयचंद बताये कि परिचालक से सहायक संभाग प्रंबधक तक कैसे बने(यहां उल्लेखनीय बात है विशेष योग्यता वाले वंचित रह जाते हैं)। केवल साम-दाम-दंड-भेद वाले परिचालक ही सहायकों संभाग प्रंबधक तक और पदौन्नति लेते हैं।
परिचालक वर्ग को अब रोडवेज के नए अध्यक्ष और एमडी से उम्मीद है कि वे परिचालक वर्ग की लंबित पदोन्नति को लेकर शीघ्र निर्णय लेंगे ताकि परिचालक वर्ग से शीघ्र ही परिचालक से सहायक यातायात निरीक्षक के पद पर पदोन्नति का लाभ मिल सके।
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